रिपोर्ट: साहबराम : New Expressway: इस जगह बनने जा रहा नया ग्रीन फील्ड लिंक एक्सप्रेसवे, इन लोगों को मिलेगा बड़ा फायदा

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Tue, Sep 30, 2025
New Expressway: उत्तर प्रदेश वासियों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। यूपी में एक्सप्रेसवे नेटवर्क को और मजबूत करने के लिए राज्य सरकार ने एक और मेगा प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। जानकारी के मुताबिक, अब आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए नया ग्रीन फील्ड लिंक एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। यह सड़क परियोजना फर्रूखाबाद जिले से होकर गुजरेगी और इस क्षेत्र के लिए एक बड़ी सौगात साबित होगी।
मिली जानकारी के अनुसार, राज्य मंत्रिपरिषद ने इस प्रोजेक्ट को EPC मॉडल पर छह लेन (भविष्य में आठ लेन तक विस्तार योग्य) में बनाने का फैसला किया है। इससे पहले गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे 7300 करोड़ रुपये की लागत से बना था, लेकिन इस नए प्रोजेक्ट की लागत उस रिकॉर्ड को भी पार कर गई है। UP New Expressway
लागत 82 करोड़ रुपये
जानकारी के मुताबिक, नए लिंक एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 90.838 किलोमीटर होगी और इसके निर्माण पर अनुमानित खर्च 7488.74 करोड़ रुपये आएगा। यानी हर एक किलोमीटर पर लगभग 82 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इससे यह राज्य का सबसे महंगा रोड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट बनने जा रहा है। UP New Expressway
मिली जानकारी के अनुसार, यह लिंक एक्सप्रेसवे इटावा जिले के कुदरैल (Agra-Lucknow Expressway) से शुरू होकर हरदोई जिले के सयाइजपुर (Ganga Expressway) तक जाएगा। इसका सीधा लाभ फर्रूखाबाद जिले को मिलेगा, जो अब देश के बड़े एक्सप्रेसवे नेटवर्क से जुड़ जाएगा। UP New Expressway
जानकारी के मुताबिक, यह प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश सरकार के एक्सप्रेसवे ग्रिड विजन का हिस्सा है। इससे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, और गंगा एक्सप्रेसवे को आपस में जोड़ा जाएगा। यह कनेक्टिविटी न केवल यातायात को सुगम बनाएगी, बल्कि औद्योगिक, व्यापारिक और कृषि क्षेत्रों के लिए भी नया रास्ता खोलेगी। UP New Expressway
मिली जानकारी के अनुसार, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पहले ही आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से मिल चुका है। अब, इस नए लिंक एक्सप्रेसवे के माध्यम से गंगा एक्सप्रेसवे को भी इससे जोड़ा जाएगा। इसके बाद इन तीनों प्रमुख एक्सप्रेसवे के बीच एक मजबूत कनेक्टिविटी ग्रिड तैयार हो जाएगी। UP New Expressway
जानकारी के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट में केंद्र सरकार की कोई भागीदारी नहीं होगी। यह पूरी तरह राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित होगा और इसे ईपीसी मॉडल पर निविदा के ज़रिए क्रियान्वित किया जाएगा। निर्माण कार्य को 548 दिनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा निर्माण पूरा होने के बाद 5 साल तक रखरखाव की जिम्मेदारी भी उसी एजेंसी की होगी।