रिपोर्ट:लक्ष्मण बिष्ट : पंचस्थानीय चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने के बाद दुर्गम के शिक्षकों को स्थानांतरण की जगी आस ।

चंपावत जिले में स्थानांतरण सूची अब तक शिक्षा विभाग ने नहीं की अपलोडपंचस्थानीय चुनाव प्रक्रिया के कारण शिक्षा विभाग में स्थानांतरण प्रक्रिया रुक गई थी ।अब जबकि पंच स्थानीय चुनाव की आचार संहिता समाप्त हो गई है अब शिक्षक स्थानांतरण की आस लगाए बैठे हैं । शिक्षकों के मुताबिक इस प्रक्रिया में उत्तराखंड में 13 जिलों में से 12 जिलों ने अपने पोर्टल को अपडेट कर रिक्त पदों एवं अध्यापक अनिवार्य स्थानांतरण सूची अपलोड कर दी है। केवल एकमात्र मुख्यमंत्री की विधानसभा जिला चंपावत के पोर्टल को अभी तक शिक्षा विभाग के द्वारा किसी भी प्रकार से अपडेट नहीं किया गया जिस कारण शिक्षकों को अपनी वरीयता एवं रिक्त स्थानो का पता नहीं चल पा रहा है जिससे शिक्षक असमंजस की स्थिति में है। इस संदर्भ में शिक्षकों ने बताया सूबे के शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने भी 13 जून 2025 को कहा था कि शिक्षकों को जल्द ही वार्षिक स्थानांतरण और पदोन्नति का लाभ दिया जाएगा। इस आशा से दुर्गम व अति दुर्गम में कई वर्षों से सेवा दे रहे शिक्षकों में उनके इस कथन से आशा जगी । उच्च न्यायालय ने भी इसमें 15% अनिवार्य स्थानांतरण करने की अनुमति प्रदान की थी। शिक्षा मंत्री ने कहा था कि वार्षिक स्थानांतरण के तहत विभिन्न श्रेणियां के अंतर्गत पात्र शिक्षकों की स्थानांतरण सूची तैयार करने के लिए निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं ।इसके बावजूद भी अगस्त 2025 के समापन तक कोई भी स्थानांतरण में कार्रवाई नहीं हुई है। जिससे स्थानांतरण की आस लगाए दुर्गम व अति दुर्गम क्षेत्र मैं लंबे समय से कार्य कर रहे शिक्षक निराश हो रहे हैं। और अब तो प्रदेश के शिक्षकों ने चौक डाउन हड़ताल भी शुरू कर दी है जिसका कि आज पांचवा दिन है। मालूम हो उच्च न्यायालय ने भी इस संदर्भ में 15% स्थानांतरण शीघ्र करने के निर्देश दिए थे। उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद भी शिक्षा विभाग खामोश बैठा हुआ है।