रिपोर्ट:लक्ष्मण बिष्ट 👹👹 : चंपावत:अतिथि शिक्षकों का चरणबद्ध आन्दोलन 18वें दिन में सरकार पर वार्ता न करने का आरोप।

अतिथि शिक्षकों का चरणबद्ध आन्दोलन 18वें दिन में सरकार पर वार्ता न करने का आरोप।चंपावत।माध्यमिक अतिथि शिक्षक संगठन उत्तराखण्ड के बैनर तले जनपद भर के अतिथि शिक्षक प्रदेशव्यापी चरणबद्ध आन्दोलन में सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं। 1 अगस्त से शुरू हुआ यह आन्दोलन अब 18वें दिन में प्रवेश कर चुका है। इस दौरान अतिथि शिक्षक केवल अपने मूल विषय की कक्षाओं का ही संचालन कर रहे हैं, जबकि गैर-शैक्षणिक कार्यों का बहिष्कार जारी है।आन्दोलनकारियों का कहना है कि इतने दिनों से आन्दोलन चलने के बावजूद सरकार की ओर से कोई ठोस पहल या वार्ता नहीं की गई है। संगठन की ओर से जिलाध्यक्षों और प्रदेश कार्यकारिणी के बीच हुई आनलाइन बैठक में आगामी रणनीति पर मंथन किया गया। तय किया गया कि अगले चरण में देहरादून में राज्य सरकार के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा आन्दोलन किया जाएगा, जो निर्णायक साबित होगा।शिक्षकों का कहना है कि वे वेतन विसंगति दूर करने और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने की मांग को लेकर सड़क पर उतरने को मजबूर हैं। आन्दोलन की अनदेखी से शिक्षकों में भारी आक्रोश है।इस बीच, सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। अतिथि शिक्षक गैर-शैक्षणिक कार्यों का बहिष्कार कर चुके हैं, वहीं अब नियमित शिक्षक भी चॉकडाउन पर उतर आए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार और शिक्षकों के बीच जारी यह टकराव छात्रों के भविष्य को गहरी खाई में धकेल सकता है।