रिपोर्ट:लक्ष्मण बिष्ट : चंपावत:स्वाला डेंजर जोन का राष्टीय सड़क मार्ग एवं परिवहन के तकनीकी सलाहकार ने किया स्थल का निरीक्षण।

Laxman Singh Bisht
Sat, Oct 11, 2025
स्वाला डेंजर जोन का राष्टीय सड़क मार्ग एवं परिवहन के तकनीकी सलाहकार ने किया स्थल का निरीक्षण।
जिलाधिकारी के कड़े तेवर एवं लगातार हस्तक्षेप के बाद एनएच के अधिकारी आए हरकत में।चंपावत टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के स्वाला डेंजर में लगातार हो रहे भूस्खलन से बाधित होते आ रहे हैं राजमार्ग में वाहनों की आवाजाही थमने पर भारत सरकार के सड़क मार्ग एवं परिवहन विभाग के कंसलडेंट जगत राम कोठारी द्वारा स्थल का निरीक्षण किया गया। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों को सड़क के नीचे वाली साइड में पक्की दीवार का निर्माण करने, ऊपर स्लाइड जोन में मलवे को हटाकर उसमें बेंचेज बनाई जाए। इसी के माध्यम से ऊपर से आने वाले बरसाती पानी व नीचे निकल रहे स्थाई पानी को एकत्र कर उसे बाहर निकालने के साथ टॉप में पहाड़ी को बांधने के लिए भी ट्रीटमेंट के कार्य किया जाए। इससे वहां लैंडस्लाइड को रोका जाना संभव होगा। कोठारी का कहना है कि पूर्व में मलबे को हटाएं बगैर ट्रीटमेंट का कार्य किए जाने से यह स्थिति पैदा हुई है।साथ ही उन्होंने इस प्रकरण में जिलाधिकारी की इस बात को लेकर नाराजगी को सही बताया कि यदि एन एच के अधिकारी दूरदर्शी सोच के साथ कार्य करते तो लोगों को अनावश्यक मुश्किलें नहीं झेलनी पड़ती। इधर एन एच के अधिशासी अभियंता दीपक जोशी का कहना है कि दिसंबर तक डेंजर जोन में दोनों ओर से वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। अभी तक डेंजर जोन के ट्रीटमेंट में 4.5 करोड रुपए खर्च किए जा चुके हैं। यहां हिल एवं वैली साइड में अलग-अलग ठेकेदार काम कर रहे हैं। जिसमें हिल साइड में 31जनवरी 2026 तथा वैली साइड का कार्य अप्रैल 2026 तक पूरा करने का टारगेट रखा गया है।
सड़क मार्ग बाधित होने से लोग हो रहे हैं परेशान-जिलाधिकारी।
चंपावत के जिलाधिकारी मनीष कुमार का कहना है की मुख्य राजमार्ग बाधित होने से चंपावत एवं पिथौरागढ़ जिलो के लोग न केवल अनावश्यक परेशानियां झेलते आ रहे हैं बल्कि इससे काफी आर्थिक क्षति भी पहुंच रही है। राजमार्ग के अधिकारियों की सुस्त चाल और ढाल पर नाराजगी जाहिर करते हुए जिलाधिकारी का स्पष्ट कहना है कि इस सड़क की सामरिक महत्ता को देखते हुए एनएच के अधिकारियों को ऐसी व्यवस्था करनी होगी जिससे सड़क मार्ग की आवाजाही की विश्वसनीयता लोगो में बनी रहे। आज पहाड़ों से या मैदानी क्षेत्रों से आने वाले लोग घर से निकलने के साथ ही स्वाला डेंजर जोन को लेकर काफी चिंतित होने लगते है। इससे बड़ी अपमान की बात ओर क्या हो सकती है।