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रिपोर्ट:लक्ष्मण बिष्ट : लोहाघाट:डायट लोहाघाट में आयोजित दो दिवसीय नेशनल सेमिनार शिक्षा का महाकुंभ: डॉ पाटीदार

Laxman Singh Bisht

Sat, Nov 29, 2025

डायट लोहाघाट में आयोजित दो दिवसीय नेशनल सेमिनार शिक्षा का महाकुंभ: डॉ पाटीदार"21वीँ सदी में स्कूली शिक्षा का रूपांतरण: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष में" विषय पर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) लोहाघाट में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का सफल आयोजन हुआ। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि, निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखंड श्रीमती वंदना गर्बयाल ने अपने संबोधन में सेमिनार के संयोजक डॉ. कमल गहतोड़ी द्वारा वर्तमान संदर्भ में सेमिनार के मुख्य शीर्षक एवं उसके उप शीर्षकों के चयन को बेहद उपयोगी बताते हुए सेमिनार में पूरे देश भर का प्रतिनिधित्व होने पर बेहद खुशी जताई। उन्होंने डाइट लोहाघाट के इस प्रयास को उच्च गुणवात्तयुक्त डॉक्यूमेन्ट के रूप में एनसीईआरटी के माध्यम से देश भर के प्रतिष्ठित संस्थानों तक प्रसारित करने का आह्वान किया। एनसीईआरटी के शिक्षक-शिक्षा विभाग में प्राध्यापक डॉ जितेंद्र पाटीदार ने इस दो दिवसीय सेमिनार को देश के शिक्षा महाकुंभ की संज्ञा देकर डाइट लोहाघाट एवं डॉ गहतोड़ी की शोध जगत को अनुकरणीय पहल बताया। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान डीएलएड प्रशिक्षुओं और शोधार्थियों से कौशल आधारित शिक्षा की आवश्यकता पर बेहतरीन वार्तालाप किये। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की विभिन्न अनुसंशाओं के क्रियान्वयन की दिशा में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार को मील का पत्थर बताते हुए सीमेट के सीनियर प्रोफेशनल डॉ मोहन सिंह बिष्ट ने समस्त प्रतिभागियों का आह्वान किया कि 21वीं सदी में विद्यालयी शिक्षा के रूपांतरण को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष में क्रियान्वित करने का संकल्प लेंगे। मुख्य शिक्षा अधिकारी चम्पावत श्री मेहरबान सिंह बिष्ट ने वर्तमान परिदृश्य में इस प्रकार की सेमिनारों के माध्यम के शिक्षकों की शिक्षण अधिगम एवं दक्षता संवर्धन आधारित अभिवृत्ति में परिवर्तन की आवश्यकता बताई। उन्होंने शैक्षिक सुधारो के बजाय शैक्षिक नवाचार को प्रोत्साहन देने का आह्वान किया। डाइट के सेवानिवृत प्राचार्य एवं वर्तमान में सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता श्री जगदीश सिंह अधिकारी ने 21वीं सदी की शैक्षिक चुनौतियों के समाधान को शिक्षा क्षेत्र से जुड़े प्रत्येक हितधारकों हेतु गहन चिंतन का विषय बताया। सेमिनार संयोजक डॉ. कमल गहतोड़ी ने अवगत कराया कि सेमिनार हेतु देश के लगभग प्रत्येक राज्य से 210 शिक्षाविदों एवं शोधकर्ताओं ने पंजीकरण करवाये तथा शोध सार जमा कराये। जिसके सापेक्ष संस्थान को 130 शोध पत्र प्राप्त हुए हैं। शोध कमेटी द्वारा 48 शोध पत्रों को दो दिवसीय सेमिनार के तकनीकी सत्रों में प्रस्तुतीकरण हेतु चुना गया। सेमिनार के सहसंयोजक दीपक सोराड़ी के अनुसार देश के 21 विभिन्न राज्यों से सेमिनार में 50 से अधिक गुणवात्तयुक्त शोध पत्रों का प्रस्तुतीकरण हुआ। मुख्य वक्ताओं में यूओयू हल्द्वानी की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ कल्पना पाटनी लखेड़ा ने शिक्षा के डिजिटाइजेशन एवं शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में तकनीकी के प्रयोग पर आधारित बेहतरीन प्रस्तुतीकरण दिया। राइका मंडलसेरा बागेश्वर के प्रधानाचार्य एवं प्रतिष्ठित शिक्षाविद डॉ केवल आनंद कांडपाल ने विद्यालय संस्कृति एवं समावेशन पर आधारित बेहद उपयोगी व्याख्यान प्रस्तुत किया। कानालीछीना के बीईओ हिमांशु नौगाई द्वारा सेवारत शिक्षक प्रशिक्षणों की प्रासंगिकता, एफएलएन तथा स्वयं के कार्य क्षेत्र में व्यवहार में लायी जा रही है विभिन्न नवाचारी गतिविधियों के रोचक तथ्य प्रस्तुत किये। पूर्व संयुक्त निदेशक एवं निदेशक संस्कृत शिक्षा डॉ आनंद भारद्वाज ने भारतीय ज्ञान परंपरा एवं आधुनिक तकनीकी के सम्मिश्रण को 21वीं सदी में शिक्षा व्यवस्था में लागू करने के महत्वपूर्ण टिप्स बताए। देशभर से जुटे शोधवेत्ताओं और शोधार्थियों ने इस राष्ट्रीय सेमिनार को अभूतपूर्व सफल आयोजन बताया। तकनीकी सत्रों के मुख्य समीक्षक के रूप में स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ विवेक व्यास, एसएसजे कैंपस चंपावत के डॉ रवि जोशी ने अहम भूमिका निभाई। डाइट के प्रभारी प्राचार्य डॉ अनिल कुमार मिश्र ने एनसीईआरटी सहित राज्य एवं जनपद स्तर के अधिकारियों, डाइट के पूर्व प्राचार्य एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्री जगदीश अधिकारी, सहयोगी संकाय सदस्यों का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर संयुक्त एससीईआरटी के सहायक निदेशक डॉ.कृष्णानंद बिल्जवाण, डाइट प्राचार्य श्री मान सिंह, वरिष्ठ प्रवक्ता दिनेश खेतवाल, एनईपी सेल उत्तराखंड से मनोज किशोर बहुगुणा, डाइट पिथौरागढ़ के शैलेश मटियानी पुरस्कार प्राप्त प्रवक्ता राजेश कुमार पाठक ने भी कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से शिरकत की। इसके अतिरिक्त सेमिनार में डायट प्रवक्ता डॉ. लक्ष्मी शंकर यादव, श्रीमती लता आर्य, डॉ अवनीश शर्मा, पिथौरागढ़ के शिक्षक विमल किशोर, गौतम प्रसाद सहित समस्त डीएलएड प्रशिक्षु उपस्थित रहे।

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