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रिपोर्ट:लक्ष्मण बिष्ट : लोहाघाट:युवा सांसदों ने दिखाई असली संसद की झलक, सांसद–विधायक पेंशन खत्म करने का प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित।

Laxman Singh Bisht

Mon, Dec 1, 2025

युवा सांसदों ने दिखाई असली संसद की झलक, सांसद–विधायक पेंशन खत्म करने का प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित।

दो घंटे चली कॉलेज संसद में युवा नेताओं ने उठाए ज्वलंत मुद्दे, अनुशासन और गंभीरता देख दर्शक रहे मंत्रमुग्ध।लोहाघाट। जहां दिल्ली की संसद का शीतकालीन सत्र हंगामे और समय की बर्बादी के बीच चला, वहीं स्वामी विवेकानंद पीजी कॉलेज में आयोजित युवा संसद ने अनुशासन, तर्क और गंभीर बहस का ऐसा माहौल बनाया कि दर्शक दीर्घा में बैठे लोग भी दंग रह गए। युवा सांसद योजना के तहत आयोजित इस दो घंटे की कार्यवाही में छात्रों ने ऐसी तर्कपूर्ण बहस की, ऐसे मुद्दे उठाए जिन्हें देखकर लगा—काश, असल संसद भी ऐसे ही चलती। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रतिनिधि प्रदीप शर्मा, विशिष्ट अतिथि पूर्व छात्र नेता सचिन जोशी, प्राचार्य प्रो. संगीता गुप्ता और नोडल अधिकारी डॉ. प्रकाश लखेड़ा द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। स्पीकर अंजू के कुशल संचालन और डिप्टी स्पीकर प्रियंका के संयमित निर्देशन में सदन की कार्यवाही आगे बढ़ी। प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्ष के नेता मंजू अधिकारी समेत अक्षय विश्वकर्मा, कुलदीप, ललित जोशी, आयुष, कमल विश्वकर्मा, दीक्षा बोहरा, नितिन चौबे, सरस्वती, प्रियांशु, सुमन, हिमानी और बबीता ने ताबड़तोड़ सवालों की झड़ी लगा दी।मुख्य मुद्दे गर्भवती महिलाओं में एनीमिया, पुरानी पेंशन बहाली, रोजगार, पंचायत व्यवस्था, बढ़ता आतंकवाद, महिला सुरक्षा व घरेलू हिंसा, देश में बदलती डेमोग्राफी और सबसे बड़ा— सांसदों-विधायकों को दी जाने वाली पेंशन बंद होनी चाहिए या नहीं। प्रधानमंत्री की भूमिका निभा रही अंकिता चौबे ने हास्य और तर्क का संतुलित मेल दिखाया— “आज भारत आकाश से पाताल तक अपना परचम लहरा रहा है।” विदेश मंत्री अंकित चौबे, रक्षा मंत्री भावना, गृहमंत्री नितिन चौबे, शिक्षा मंत्री सुमन आर्य, महिला सशक्तिकरण मंत्री हिमानी, समाज सुधार मंत्री सीमा राय ने अपने विभागों से जुड़े प्रश्नों के प्रभावी जवाब दिए।सांसद पूजा सामंत ने सदन में ऐतिहासिक प्रस्ताव रखा—“देश में सांसदों और विधायकों की पेंशन समाप्त की जाए, यह धनराशि गरीबों के लिए आवास निर्माण में लगे, और जो सांसद सदन का समय हंगामे में बर्बाद करें उनकी सदस्यता समाप्त हो।” सदन में इस प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित किया गया।दर्शकों ने तालियां बजाकर इसका स्वागत किया। मुख्य अतिथि प्रदीप शर्मा और विशिष्ट अतिथि सचिन जोशी ने कहा— “काश संसद में ऐसे युवा, समझदार और मुद्दों पर गंभीरता से बोलने वाले सांसद होते, जैसा यहां देखने को मिला।”

मां का सवाल—पेंशन नेताओं को मिले या उस शहीद की मां को?

लोहाघाट। सांसद पूजा सामंत ने भावुक अपील करते हुए कहा—

“जब एक मां अपने स्वस्थ बेटे को देश सेवा में भेजती है और कुछ समय बाद वही बेटा तिरंगे में लिपटा हुआ लौटता है…

तो बताइए—पेंशन नेताओं को मिलनी चाहिए या उस मां को जिसने देश के लिए अपना लाल खो दिया?” पूरे सदन में कुछ क्षणों का सन्नाटा छा गया। दर्शकों की आंखें नम हो उठीं।

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