: पिथौरागढ़:सुविधाओं व शिक्षकों के अभाव में पिथौरागढ़ जिले में 158 सरकारी विद्यालयो में लटके ताले

सुविधाओं व शिक्षकों के अभाव में पिथौरागढ़ जिले में 158 सरकारी विद्यालयो में लटके ताले
पिथौरागढ़ जनपद के विद्यालयों की हालात दिन पर दिन बद से बदतर होती नजर आ रही है, एक ओर तो सरकार शिक्षा के लिए हर रोज कोई ना कोई नई योजना सुरु करने की बात करती है लेकिन् अगर जमीनी हकीकत पर आए तो हकीकत कुछ और है , राजकीय विद्यालयों में सुविधाओं का अभाव व शिक्षकों की कमी के कारण अब अभिभावकों का रुझान भी निजी विद्यालयों मै बढ़ता हुआ देखने को मिल रहा है, निजी विद्यालयों मै जहा छात्र संख्या बढ़ती जा रही है वही सरकारी विद्यालयों मै छात्र संख्या शून्य होते जा रही है जिस कारण विद्यालय बंद होते जा रहे है, और कई विद्यालय तो ऐसे है जहा छात्र तो है पर छात्रों को पढ़ाने के लिए अध्यापक नही,
पिथौरागढ़ के मुख्य शिक्षा अधिकारी अशोक जुकरिया का कहना की बीते तीन सालो मै छात्र संख्या शून्य होने से जनपद मै 158 प्राथमिक विद्यालय व 25 उच्च प्राथमिक विद्यालय बंद हो चुके पर, कई दुरस्थ छेत्र जैसे धारचूला ,मुन्सियारी, बेरीनाग ,गंगोलीहाट मै 445 एकल अध्यापक वाले विद्यालय संचालित हो रहे है जिसमे 28 ऐसे अध्यापक विहीन है जहा अध्यापक ही नही है, इन 28 विद्यालयो मै कोई भी अध्यापक कार्यरत नही है,
यहा की शिक्षण व्यवस्था इधर उधर के अध्यापको से पार्ट टाइम मे चलाई जा रही है, छात्र पार्टटाइम टीचरो से शिक्षा ग्रहण कर रहे है, और 20 उच्च प्राथमिक विद्यालयों मै 2 उच्च प्राथमिक विद्यालय भी पार्ट टाइम अध्यापको के सहारे चल रहा है, अब सोचने वाली बात ये है जब हमारे विद्यालाय ही पार्ट टाइम अध्यापकों के सहारे चल रहा है तो छात्रों का भविष्य क्या होगा सरकार व शिक्षा विभाग को इस मामले को गंभीरता से लेना होगा


