: लोहाघाट:कृषि विज्ञान केंद्र लोहाघाट में 12 वी प्रसार सलाहकार समिति की बैठक का कुलपति ने किया शुभारंभ
कृषि विज्ञान केंद्र लोहाघाट में 12 वी प्रसार सलाहकार समिति की बैठक का कुलपति ने किया शुभारंभ
कृषि विज्ञान केंद्र लोहाघाट में शुक्रवार 29 जून को दो दिवसीय 12वीं प्रसार सलाहकार समिति की बैठक का शुभारंभ कुलपति डॉ मनमोहन सिंह चौहान गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया कुलपति ने बैठक में शामिल सभी वैज्ञानिकों से अनुसंधान संस्थान में हो रहे शोधों को कर्षकों के प्रक्षेत्र तक पहुंचाने को कहा जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो सके बैठक में पंतनगर विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालय के अधिष्ठाता एवं उत्तराखंड के 9 कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ दीपाली तिवारी पांडे( चंपावत) डॉक्टर ए के शर्मा (देहरादून)
डॉक्टर शिवदयाल चमोली ,डॉक्टर पुरुषोत्तम कुमार (हरिद्वार) डॉक्टर एस एस सिंह (अल्मोड़ा )डॉक्टर अजय प्रभाकर (काशीपुर) डॉक्टर बलवान सिंह (नैनीताल) एवं अन्य वैज्ञानिक के द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा हैं डॉ वाई एस मलिक( संयुक्त निदेशक कैंपस आईसीआर) मुक्तेश्वर (नैनीताल ) के द्वारा पशुओं में होने वाली विभिन्न बीमारियों के निदान एवं विभिन्न संचालित योजनाओं की जानकारी दी ,डॉक्टर जितेंद्र क्वात्रा (निदेशक प्रसार शिक्षा पंतनगर अधिष्ठाता) डॉक्टर अलकनंदा अशोक , डॉक्टर एम एस पाल ,डॉक्टर संदीप अरोड़ा ,डॉ अवधेश कुमार, डॉक्टर स्नेहा दोहरे , डाक्टर जी पी जायसवाल (निदेशक संचार पंतनगर) आदि ने अपने अपने विभागीय कार्यों का प्रस्तुतीकरण किया गया वहीं आईटीबीपी कमांडेंट धर्मपाल सिंह रावत ने कहा कृषि विज्ञान केंद्र लोहाघाट क्षेत्र के किसानों के लिए वरदान बना हुआ है उन्होंने कहा कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा द्वारा आईटीबीपी कैंपस में किवी व अन्य फलदार पौधों का रोपण पूर्व में किया गया था जो इस समय फल दे रहे हैं कमांडेंट रावत ने कहा अगर बरसात के पानी को एकत्रित किया जाए तो इस पानी को किसान फसलों में प्रयोग कर इसका लाभ ले सकते हैं वहीं कुलपति डॉ मनमोहन सिंह चौहान के द्वारा प्राकृतिक खेती के घटक राज्य कृषि प्रबंधन एवं प्रसार प्रशिक्षण संस्थान उत्तराखंड द्वारा संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं पशुओं में मदहीनता के प्रभाव कारण एवं बचाव प्रसार साहित्य का विमोचन किया
उन्होंने कहा हम सभी का उद्देश्य अपने अपने शोधों के द्वारा किसानों को लाभ पहुंचाना है उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉक्टर सचिन पंत , डाक्टर रजनी पंत ,डॉक्टर पूजा पांडे ,गायत्री देवी ,फकीरचंद, यू के दिवाकर ,जी सी टम्टा ,डॉक्टर लीमा, बीपी धोनी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई


