रिपोर्ट: जगदीश जोशी/लक्ष्मण बिष्ट 👹 : बाराकोट:वन विभाग के पिंजरे में कैद हुआ धरगड़ा का आदमखोर क्षेत्र वासियों ने ली राहत की सांस।
Laxman Singh Bisht
Sat, Dec 13, 2025
.वन विभाग के पिंजरे में कैद हुआ धरगड़ा का आदमखोर क्षेत्र वासियों ने ली राहत की सांस।
ट्रेंकुलाइज कर वन विभाग की टीम ने आदमखोर को किया पिंजरे में कैद।
जिला पंचायत सदस्य योगेश जोशी के नेतृत्व में युवाओं ने भी किया वन विभाग की टीम का सहयोग
धरगड़ा घटना के बाद ऊध्यूनढूंगा–स्वीलाखेड़ा क्षेत्र में वन विभाग की त्वरित कार्रवाई, युवाओं के सहयोग से सफल अभियान
चंपावत जिले के विकासखंड बाराकोट की च्यूरानी ग्राम पंचायत के तोक धरगड़ा में 9 दिसंबर को गुलदार के हमले से देव सिंह अधिकारी (42 वर्ष) की मृत्यु के बाद क्षेत्र में भय और असुरक्षा का माहौल बना हुआ था। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डीएम चंपावत मनीष कुमार के निर्देश पर वन विभाग द्वारा लगातार निगरानी और कार्रवाई की जा रही थी।इसी क्रम में बाराकोट के ऊध्यूनढूंगा–स्वीलाखेड़ा क्षेत्र के समीप वन विभाग की टीम ने देर रात 2 बजे के करीब गुलदार को सफलतापूर्वक ट्रेंकुलाइज कर पिंजरे में कैद किया। कार्रवाई के बाद क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस ली है। वन विभाग के अनुसार एहतियात के तौर पर क्षेत्र में नियमित गश्त जारी रहेगी।कार्रवाई के दौरान जिला पंचायत सदस्य योगेश जोशी मौके पर उपस्थित रहे और स्थानीय स्तर पर आवश्यक समन्वय बनाए रखने में सहयोग किया।
उन्होंने वन विभाग की तत्परता और पेशेवर कार्यशैली की सराहना की।योगेश जोशी ने कहा कि "“वन विभाग की टीम ने जिस तत्परता, साहस और जिम्मेदारी के साथ यह अभियान संचालित किया, वह अत्यंत सराहनीय है। वन विभाग की पूरी टीम ने कठिन परिस्थितियों में भी जनसुरक्षा को प्राथमिकता दी। मैं वन विभाग का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। साथ ही, क्षेत्र के युवाओं ने रातभर सहयोग देकर सामाजिक जिम्मेदारी का परिचय दिया, इसके लिए वे भी धन्यवाद के पात्र हैं।”
इस अभियान में एसडीओ सुनील कुमार, डॉ. हिमांशु पांगती, रेंजर राजेश जोशी, फॉरेस्टर प्रकाश गिरि सहित वन विभाग की पूरी टीम ने साहस और सूझबूझ के साथ कार्य किया।इसके साथ ही क्षेत्र के युवाओं ने भी पूरी रात वन विभाग की टीम के साथ रहकर महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया। इस सहयोग में सूरज बिष्ट, विजय नाथ, शुभम नाथ, सौरभ नाथ, हिमांशु नाथ एवं अमित सिंह, हिमांश जोशी ,रजत वर्मा शामिल रहे, जिनकी सक्रिय भूमिका को स्थानीय लोगों ने सराहा।