रिपोर्ट: लक्ष्मण बिष्ट 👹👹 : सरकारी वकील की अधूरी तैयारी व गजट नोटिफिकेशन कोर्ट में पेश न करने पर लगा पंचायत चुनाव में स्टे :चंद्रेश यादव
Laxman Singh Bisht
Mon, Jun 23, 2025
कल न्यायालय में अपील की जाएगी प्रदेश में चुनाव की प्रक्रिया पर लगे स्टे को हटाकर चुनाव की प्रक्रिया को जारी रखें :चंद्रेश यादव
उत्तराखंड में इस समय पंचायत चुनाव होगा या नहीं? सबसे बड़ा सवाल सबके जेहन में घूम रहा है । वहीं सरकार की और से दलील दी जा रही है कि हाईकोर्ट ने जिस कागज के न होने के चलते पूरी चुनाव प्रक्रिया पर स्टे लगा दिया है अब उस महत्वपूर्ण कागज को आज ही नैनीताल भेज दिया गया है। जिसे कल कोर्ट में पेश किया जाएगा।प्रदेश में कल तक पंचायत चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ था वही आज नैनीताल हाईकोर्ट के द्वारा पंचायती चुनाव में स्टे लगाने से पंचायत चुनाव का सारा जोश ठंडा कर दिया केलो सरकार के मनसा पर सवाल उठाते नजर आए । त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में आचार संहिता लागू कर दी थी। 28 जून से नामांकन पत्र खरीदने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी थी कई उम्मीदवार नामांकन पत्र खरीद भी चुके हैं। 25 जुलाई से नॉमिनेशन प्रक्रिया शुरू होनी थी लेकिन चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले ही आरक्षण सूची में आपत्तियों का मामला कोर्ट जा पहुंचा चुका था। पंचायती राज विभाग की ओर से 14 जून को जारी की गई आरक्षण की अधिसूचना पर पर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है सुनवाई को लेकर आज 23 जून को हाईकोर्ट ने आरक्षण को लेकर जारी की गई अधिसूचना में खामियां बताते हुए पूरी चुनाव प्रक्रिया मे स्टे लगा दिया। पूरे प्रदेश में पंचायत चुनाव पर लगे स्टे की खबर आग की तरह फैल गई। नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश से सरकार के हाथ पांव फूल गए।मामले मे पंचायती राज सचिव ने स्पष्ट करते हुए बताया कि कोर्ट ने आरक्षण की अधिसूचना को लेकर जारी किए गए गजट नोटिफिकेशन की ओरिजिनल प्रति न होने के चलते सरकार के आरक्षण अधिसूचना पर सवाल खड़े किए हैं।कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि अधिसूचना जारी हुई तो उसका गजट नोटिफिकेशन कहां है। सरकारी वकील की अधूरी तैयारी ने एक तरफ कोर्ट में सरकार की किरकिरी कराई तो दूसरी और पूरे प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए मैदान में खड़े लोगों मैं निराशा छा गई। विभागने 14 जून को आरक्षण सूची जारी की गई थी, उस दिन ही अधिसूचना जारी कर इसे रुड़की सरकारी प्रेस में छपने के लिए भेज दिया गया था। लेकिन कुछ जरूरी फाइल कॉपी छपने के बाद बड़ी संख्या में जो गजट नोटिफिकेशन छपता है जो कि हर जगह सर्कुलेट किया जाता है इसकी संख्या तकरीबन हजार कॉपी में होती है, वो नहीं छप पाई थी." - चंद्रेश यादव, सचिव, पंचायती राज उत्तराखंड"सरकारी वकील की ओर से भी कोर्ट में सरकार की जारी की गई अधिसूचना की कॉपी जमा कराई गई। जबकि कोर्ट में जन सामान्य के लिए जारी होने वाले गजट नोटिफिकेशन की प्रति जमा करनी होती है। कोर्ट को सरकारी वकील की ओर से गजट नोटिफिकेशन की प्रति जमा न होने के कारण कोर्ट ने चुनाव पर स्टे लगा दिया यही एक बिंदु है, जिस पर कोर्ट ने स्टे दिया था."- चंद्रेश यादव, सचिव, पंचायती राज उत्तराखंड पंचायत राज सचिव चंद्रेश कुमार यादव का कहना है कि 'रुड़की प्रेस से सत्यापित गजट नोटिफिकेशन की प्रति छाप कर नैनीताल हाईकोर्ट को भेज दी गई है और कल यह प्रति कोर्ट में पेश की जाएगी और न्यायालय से अपील की जाएगी कि प्रदेश में चुनाव की प्रक्रिया पर लगे स्टे को हटाकर चुनाव की प्रक्रिया को जारी रखें।इसके अलावा कुछ लोगों ने कहा गजट नोटिफिकेशन जब कोर्ट में जाएगा तो उस पर कोर्ट चर्चा करेगी, लेकिन विभागीय अधिकारियों का कहना है कि आरक्षण अधिसूचना को लेकर सरकार की ओर से कैबिनेट में फैसला लिया गया है। यह नियमावली सरकार की ओर से बनाई गई है. सरकार को इसे बनाने का अधिकार है। कहा उम्मीद है कि इस पर हाईकोर्ट को किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं होगी।गजट नोटिफिकेशन न छापने के पीछे किसकी लापरवाही है? इस पर जवाब देते हुए पंचायत राज सचिव चंद्रेश कुमार ने कहा कि कई बार ऐसा होता है कि सरकार के कई विभागों की अधिसूचनाओं को एक साथ रुड़की प्रेस में भेजा जाता है. रुड़की प्रेस जब कुछ गजट नोटिफिकेशन इकट्ठे हो जाते हैं तो एक साथ उन्हें छापती है, इस केस में भी 14 जून को ही रुड़की प्रेस में अधिसूचना भेज दी गई थी, लेकिन प्रेस की तरफ से छपने में देरी हुई है।